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Cm Haryana Sh ML KHATTAR Masage on Csc

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www.fastcsc.online

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Agreement by Prime minister Mr Modi with gass companies for Providing Gass services on Csc

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Csc Memories With Csc Disstrict manager Lovlesh Grover, Edm miss Shilpa, Coordinator Mr Rajkumar

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Deputy Commissioner fatehabad with Fast Csc Team

Achievments title

Minister of csc department Govt of India

Achievments title

Certificate of BCC

Thursday 20 December 2018

Computer Course

All Available Course 
*BCC
*HKCL
*SETC
*N.T.T, 
*Diploma in panchayati Raj ,  
*Dairy Management,
*Fire man course
*Yoga Course
*Beauty parlour course बेसिक कम्प्यूटर कोर्स
हरियाणा डाक सेवक पद हेतु जरूरी कम्प्यूटर कोर्स के लिए संपर्क करे
फास्ट सी एस सी फतेहाबाद 

बेसिक कम्प्यूटर कोर्स  Basic Computer Course Or Basic concepts of  Computer (BCC)

B - Basic 
C - Computer
C - concepts
Computer Course Or Basic concepts of computer
कम्प्यूटर बेसिक ज्ञान
BCC COURSE TRAINING VIDEOS
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हम बात करते हैं Computer सीखने के बारे में तो हम शुरू करने से पहले आपको बता दें कि कंप्यूटर में क्या सीखना आवश्यक है कई बार आप किसी कोचिंग क्लास या Computer class में हजारों रुपये और समय बेकार हो जाता है परन्तु इतना कुछ भी नहीं सीख  पाते जिसकी आपको ज़रूरत होती है |
मित्रों
computer की Jobs में आप को कई तरह के कार्य करने पड़ सकते हैं जैसे typing, scanning, data entry, photo editing आदि। यदि आप इस प्रकार की जॉब करना चाहते हैं तो आपको मुख्य रूप से बेसिक सीखना जरूरी है कंप्यूटर बेसिक मे MS Office, Paint, Photoshop  के साथ-साथ Typing का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए और Internet का भी ज्ञान होना ज़रूरी है |
बेसिक कम्प्यूटर कोर्स  Basic Computer Course Or Basic concepts of computer  सरकार दुवारा मूलभूत रुप से  तैयार किया पाठ्क्रम है जिसको  हर सरकारी नौकरी के अनुरूप बनाया गया है | आजकल हर सरकारी नौकरी के लिए बेसिक कम्प्यूटर कोर्स अनिवार्य कर दिया गया है जिसमें अधिकतर SETC के तहत आने वाले संसथानो के कोर्स को पहल के आधार पर मान्यता दी जाती है जिनमे CSC ACADEMY, SECT,HKCL,HARTRON etc. प्रमुख है |

यह सभी जानते हैं की हर सरकारी या गैरसरकारी कार्यलय या विभाग में कार्य का अगल अलग प्रारूप होता है या यूँ कहें की अलग तरह का कार्य होता है उस स्थिति में यह भी सव्भाविक है कि वहा के कम्प्यूटर के कार्य भी अलग तरह के होते होंगे तथा में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर भी अलग तरह के होते होंगे | मगर बेसिक कोर्स वही एक रूप में ही होता है जिसने BCC कोर्स किया है उसके लिए किसी भा आफिस में कार्य करने का बेसिक ज्ञान अति जरूरी है रही सबंधित कार्यालय में कार्य करने की इसके लिए आपको हर कार्यालय अपने कार्यलय की ट्रेनिंग खुद मुहैया करवाता है | तो आपको इसे इतनी समझ में आ गयी होगी की किसी भी सरकारी संस्थान से Basic Computer Course Or Basic concepts of computer की क्या खासियत है |

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जहाँ पर्सनल कम्प्यूटर को इंटरनेट जैसी सुविधाओं से जोड़ा जा चुका है तथा नित नए आवश्यकतानुरूप सॉफ्टवेयरों के प्रवेश ने कम्प्यूटर के महत्व को बढ़ा दिया है, वहीं दूसरी ओर कम्प्यूटर के क्षेत्र में नए प्रवेश करने वालों के लिए कम्प्यूटर कोर्स का चयन करना एक समस्या है।   
इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि कम्प्यूटर क्षेत्र में प्रवेश करने वालों के लिए यह एक प्राथमिकता भी है, क्योंकि रुचि एवं आवश्यकतानुरूप कोर्स का चयन न होने पर व्यक्ति के योग्यता पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा। साथ ही व्यक्ति अपनी क्षमताओं एवं योग्यताओं का पूर्ण रूप से उपयोग नहीं कर सकेगा।
कम्प्यूटर कोर्स का चयन - कम्प्यूटर कोर्स का चयन करते समय सर्वप्रथम निम्न दो मुख्य बिदुओं पर निर्णय लिया जाना अत्यंत आवश्यक है।
1 -कम्प्यूटर कोर्स- शुरुआत में आपको यह समझना होगा को बेसिक कम्प्यूटर कोर्स हार्डवेयर कोर्स तथा सॉफ्टवेयर कोर्स में क्या फर्क है|

बेसिक कम्प्यूटर कोर्स शुरुआती कोर्स है जो कम्प्यूटर पर हर एक कार्य करने वाले के लिए आवश्यक है फिर चाहे वह निजी कम्प्यूटर चलाने वाला हो या किसी सरकारी या गैरसरकारी संस्थान में कम्प्यूटर का कार्य करना चाहता / चाहती हो | इस तरह किसी मकान का निर्माण करने केलिए उसकी मजबूत नींव की भराई की जाती है मजबत नींव के बिना मजबुत मकान बनाना असंभव है उसी कम्प्यूटर का बेसिक परिशिक्षण लिए बिना बड़े से बड़ा कम्प्यूटर कोर्स बेकार है |    
2 -हार्डवेअर कोर्स - कंप्यूटर के भौतिक (Physical) भाग को हार्डवेयर कहा जाता है जैसे प्रोसेसर, रैम, जीपीयू, मॉनिटर, माउस आदि। जिसकी सहायता से हम कंप्यूटर का निर्माण करते है तथा इन्हें हम देख, स्पर्श और महसूस कर सकते हैं। हार्डवेयर को कंप्यूटर का शरीर और सॉफ़्टवेयर को उसकी आत्मा कह सकते हैं. सॉफ़्टवेयर का उपयोग इन हार्डवेयर को संचालित करने के लिए किया जाता है सॉफ़्टवेयर को देखा जा सकता है, लेकिन आप इसे शारीरिक रूप से छू नहीं सकते। उदाहरण के लिए, कंप्यूटर मॉनीटर का इसका उपयोग वीडियो देखने, गेम खेलने या स्क्रीन पे आये आउटपुट को पढ़ने आदि के लिए करते हैं और माउस का इस्तेमाल नेविगेट करने के लिए करते हैं।

हार्डवेयर वह है जिसके द्वारा कंप्यूटर उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गये इनपुट को प्रोसेस करता है और हमे आउटपुट देता है। प्रोसेसर (CPU) के द्वारा ही कंप्यूटर डाटा और निर्देशो को प्रोसेस करता है और उस आउटपुट डाटा को रैम या हार्ड ड्राइव पर संग्रहित किया जा सकता है। एक साउंड कार्ड स्पीकर को ध्वनि प्रदान कर सकता है और एक वीडियो कार्ड मॉनिटर के लिए एक छवि प्रदान कर सकता है। यह सब हार्डवेयर है। हार्डवेयर का निर्माण कारखानों में होता है, जबकि सॉफ्टवेयर का निर्माण मनुष्य के सोच और रचनात्मकता के द्वारा होता हैं।
हार्डवेयर कोर्स की श्रेणी में उन कोर्स को सम्मिलित किया जाता है जो कम्प्यूटर को सुधारने एवं बनाने से संबंधित हैं। यदि आपकी रुचि कम्प्यूटर ऑपरेटिंग क्षेत्र में कार्य करने की न होकर टेक्निकल फील्ड में कार्य करने की है तो इस स्थिति में निःसंदेह कम्प्यूटर हार्डवेयर कोर्स की उपयोगिता की चर्चा की जाए तो यह एक निर्विवाद सत्य है कि कम्प्यूटर की माँग एवं सामान्य वर्ग में कम्प्यूटर की उपलब्धता के साथ ही कम्प्यूटर वैज्ञानिकों की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है। अतः इस क्षेत्र में इच्छुक व्यक्तियों के लिए रोजगार की पर्याप्त संभावना है।
कंप्यूटर हार्डवेयर कोर्स के पाठ्यक्रम (Curriculum For Computer Hardware Course)
•    कंप्यूटर की हार्डवेयर संरचना (Computer Hardware Structure)
•    माइक्रोप्रोसेस (Microprocessor)
•    कंप्यूटर मेमोरी (Computer Memory)
•    मदरबोर्ड : (Motherboard)
•    कंप्यूटर पॉवर सप्लाई (SMPS)
•    हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD)
•    ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव (CD/DVD Drive)
•    कीबोर्ड और माउस (Keyboard and Mouse)
•    कंप्यूटर मॉनिटर (Monitor)
•    कंप्यूटर असेमबल करना ( Assembling  Computer)
•    कंप्यूटर इनपुट आउटपुट पोर्ट और डिवाइसेस (I/O Ports and Devices)
•    बायोस/सिमोस सेटअप करना (Setup BIOS/CMOS)
•    प्रिंटर (Printer) के बारे में सीखें
•    हार्डवेयर ट्रबलशुटिंग (Hardware Troubleshooting)

3 - सॉफ्टवेयर कोर्स - (क) डॉस बेस, (ख)विंडोज बेस- सॉफ्टवेयर कोर्स का उपयोग करते समय यह आवश्यक हो जाता है कि कोर्स का चयन इस प्रकार का हो जो कि वर्तमान समय की माँग के अनुरुप हो। वर्तमान में सभी जगह विंडोज बेस एप्लीकेशन/सॉफ्टवेयर पर ही आवश्यक कार्य किया जा सकता है जो कि वर्तमान आवश्यकता के अनुरुप हो। अतः कोर्स चयन में विंडोज बेस कोर्स को पर्याप्त महत्व दिया जाना चाहिए।
पूर्व में सभी कार्य डॉस बेस एप्लीकेशन/सॉफ्टवेयर पर संपादित किए जा रहे थे जो कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में खरे नही उतरते हैं। डॉस बेस एवं विडोंज बेस प्लेटफॉर्म में वास्तविक अंतर यह है कि डॉस बेस कोर्स केरेक्टर मोड में कार्य करते हैं अर्थात डिजाइनिंग एवं ग्रॉफिकल कार्य के लिए डॉस बेस में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है। साथ ही फोंट परिवर्तन एवं साइज परिवर्तन की भी पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जबकि विंडोज ग्रॉफिक मोड पर कार्य करता है। अर्थात्‌ इसमें वे सभी व्यवस्थाएँ पर्याप्त सुविधाओं के साथ उपलब्ध हैं जो कि डॉस बेस पर उपलब्ध नहीं हैं।


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Wednesday 19 December 2018

स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता को बढ़ावा देने ले लिए यह स्कीम भारत सरकार दुवारा लागु की गयी

 असुरक्षित पेयजल की खपत, मानव मस्तिष्क के अनुचित पर्यावरणीय स्वच्छता और व्यक्तिगत और खाद्य स्वच्छता की कमी के बारे में महान समस्या को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 1 9 86 में गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम (सीआरएसपी) शुरू किया था। ग्रामीण लोगों के जीवन का स्वच्छता की व्यापक अवधारणा के साथ, सीआरएसपी ने 1 999 से प्रभाव के साथ कुल स्वच्छता अभियान (टीएससी) नाम से मांग आधारित दृष्टिकोण अपनाया। टीएससी का नाम 01-04-2012 से प्रभावी रूप से निर्मल भारत अभियान (एनबीए) के रूप में बदल दिया गया था।

अब एनबीए 2 अक्टूबर 2014 से स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) के रूप में नामकरण किया जा रहा है।

मुख्य घटक आईडी एसबीएम-जी के तहत है

    व्यक्तिगत हाउस होल्ड लैट्रीन्स (आईएचएचएल)
    एसएलडब्ल्यूएम (ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन)
    सीएससी (सामुदायिक स्वच्छता परिसर)
    ओडीएफ (ओपन डेफकेशन फ्री)

आईएचएचएल (व्यक्तिगत हाउस होट लाट्रिन)

व्यक्तिगत हाउस होल्ड लैट्रीन्स (आईएचएचएल) के निर्माण के लिए मिशन के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन गरीबी रेखा (बीपीएल) के सभी परिवारों और गरीबी रेखा के ऊपर (एपीएल) के लिए अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, छोटे और सीमांत किसानों , घर के साथ भूमिहीन मजदूर, शारीरिक रूप से विकलांग और महिलाओं के परिवारों के नेतृत्व में एसबीएम (जी) के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के तहत प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि / पहचान वाली एपीएल परिवारों को आईएएचएचएल की एक इकाई के निर्माण के लिए 12,000 रुपये तक की राशि दी जाएगी और पानी की उपलब्धता के लिए प्रदान की जाएगी, जिसमें हाथ धोने और सफाई के लिए भंडारण भी शामिल है। शौचालय। आईएचएचएल के लिए इस प्रोत्साहन का केंद्रीय हिस्सा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से 9 .00 / – (75%) होगा। राज्य का हिस्सा 3,000 / – (25%) होगा।
एसएलडब्ल्यूएम (ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन)

एसबीएम (जी) का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता, स्वच्छता और जीवन की सामान्य गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए है। ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्लूएम) कार्यक्रम के प्रमुख घटक में से एक है। स्वच्छ गांवों को बनाने के लिए, यह आवश्यक है कि आईईसी के हस्तक्षेप ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करें ताकि जनसंख्या के बीच इन गतिविधियों की आवश्यकता महसूस हो सके। इसको कचरे के वैज्ञानिक निपटान के लिए सिस्टम की स्थापना करना चाहिए ताकि जनसंख्या पर ठोस प्रभाव पड़े। समुदाय / ग्राम पंचायत को आगे आने और ऐसी व्यवस्था की मांग करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, जिसे बाद में उन्हें संचालित करना और बनाए रखना होगा एक बार जब यह मांग की जाती है कि यह संसाधन कुशलता से उपयोग किया जाता है, तो प्रत्येक ग्राम पंचायत (जीपी) के लिए एसएलडब्लूएम को घरेलू संसाधनों की संख्या के आधार पर जीपी के लिए लगाए गए वित्तीय सहायता के साथ-साथ सभी जीपी को टिकाऊ एसएलडब्लूएम परियोजनाएं एसएलडब्लूएम परियोजनाओं के लिए एसबीएम (जी) के तहत कुल सहायता प्रत्येक जीपी में कुल परिवारों की संख्या के आधार पर की जाएगी, जो कि अधिकतम जीडीपी के लिए 7 लाख रुपये के लिए 150 घरों के लिए, 12 लाख रुपये 300 घरों में, 15 लाख तक 500 घरों तक और 500 से अधिक घरों वाले जीपी के लिए 20 लाख रुपये। एसबीएम (जी) के तहत एसएलडब्ल्यूएम परियोजना के लिए फंडिंग 75:25 के अनुपात में केन्द्रीय और राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। किसी भी अतिरिक्त लागत की आवश्यकता को राज्य / जीपी से धन और अन्य स्रोतों जैसे वित्त आयोग के वित्तपोषण, सीएसआर, स्वच्छ भारत खोश और पीपीपी मॉडल के माध्यम से पूरा किया जाना है।
सीएससी (सामुदायिक स्वच्छता परिसर)

सामुदायिक स्वच्छता परिसरों जिसमें उचित संख्या में शौचालय सीटें, स्नान घनघों, धोने के प्लेटफार्म, वॉश बेसिन इत्यादि शामिल हैं, गांव में एक जगह में स्वीकार्य और सभी के लिए सुलभ हो सकते हैं। आमतौर पर ऐसे कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना चाहिए, जब गांव में घर के शौचालयों के निर्माण के लिए जगह नहीं होती है और समुदाय / जीपी अपने संचालन और रखरखाव की ज़िम्मेदारी का मालिक बना लेता है और इसके लिए एक विशिष्ट मांग देता है। ऐसे परिसर सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, बस स्टैंड आदि पर किया जा सकता है, जहां लोगों की बड़ी संख्या में मण्डली होती है। ऐसे परिसरों का रख-रखाव बहुत जरूरी है, जिसके लिए ग्राम पंचायत की अंतिम जिम्मेदारी होनी चाहिए और ऑपरेशन और रखरखाव का आश्वासन दिया जाना चाहिए। प्रयोक्ता परिवार, विशेष रूप से घरों के लिए परिसरों के मामले में, सफाई के लिए उचित मासिक उपयोगकर्ता शुल्क में योगदान करने के लिए कहा जा सकता है; रखरखाव। एक समुदाय स्वच्छता परिसर के लिए निर्धारित अधिकतम प्रति यूनिट 2 लाख रुपये है। केंद्र सरकार, राज्य सरकार और समुदाय के बीच साझाकरण पैटर्न 60: 30:10 के अनुपात में होगा। हालांकि, समुदाय योगदान, पंचायत द्वारा अपने स्वयं के संसाधनों से, वित्त आयोग के अनुदान से, राज्य के किसी भी अन्य निधि से, जिसे राज्य द्वारा अधिकृत रूप से अनुमत किया गया हो, या राज्य से प्राप्त किसी अन्य स्रोत से, जिला या जीपी। सीएससी / सार्वजनिक शौचालयों को वित्तपोषण के लिए, राज्यों को व्यक्तिगत परिसरों की लागत बढ़ाने के लिए सीएसआर / सीएसओ / एनजीओ से भी अतिरिक्त धन का स्रोत हो सकता है। यह विधेयक पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) / वीजीएफ हो सकता है, जो सुविधाओं के संचालन और रखरखाव की जरूरत को पूरा करना चाहिए। इन सीएससी को पानी की आपूर्ति को एनआरडीडब्ल्यूपी के तहत आश्वासन दिया जाना चाहिए, इससे पहले कि सीएससी को मंजूरी मिल गई है।
ओडीएफ (ओपन डेफकेशन फ्री)

स्वच्छ भारत मिशन के शुभारंभ के बाद, सभी राज्यों में स्वच्छता का काम त्वरित चल रहा है। साथ ही परिणामों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, दो चीजों पर जोर दिया गया है। एक, व्यवहार परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करें, और दो, स्वास्थ्य लाभ के लिए गांवों को पूरी तरह से खुले शौच मुक्त (ओडीएफ) बनाने पर ध्यान केंद्रित करें (जबकि व्यक्तिगत शौचालयों की मांग का जवाब देना जारी रखें।) कई जीपी और गांवों ने अब ओडीएफ बनना शुरू कर दिया है। -16, राज्यों ने 42828 जीपी ओडीएफ को अपने एल्पी के अनुसार बनाने की योजना बनाई है। एमआईएस पर, एक जीडीपी पर कब्जा करने के लिए एक मॉड्यूल शुरू किया गया है जहां 100% शौचालय पहुंच हासिल की गई है। यह संख्या 1 जुलाई 2015 तक 12,216 है। देश भर में, विभिन्न राज्यों से, विभिन्न व्यभिचार / जीपी के बारे में नियमित रूप से जानकारी प्राप्त की जा रही है, जो खुद को ओडीएफ घोषित करते हैं
(सुझाव: सुरक्षित प्रौद्योगिकी विकल्प का अर्थ है सतह की मिट्टी, भूजल या सतह के पानी का कोई संदूषण नहीं है, मक्खियों या जानवरों के लिए अपर्याप्त नहीं, ताजा मस्तिष्क का कोई संचालन नहीं, और गंध और भद्दा स्थिति से स्वतंत्रता)
लाभार्थी:

ग्रामीण क्षेत्र के नागरिक
लाभ:

क्षेत्र को खुले मे शौचमुक्त करने के लिये।
है जिसमे गरीब परिवारों को जिनके घर में लेट्रिन का इंतजाम नहीं है तथा वह परिवार खुले में सोच जाते है इस तरह के परिवारों को रु 50000 का अनुदान दिया जाता है
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Monday 3 December 2018

जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र

BIRTH AND DEATH REGISTRATION
 जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र
 जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र का होना अति जरुरी है इन समय समय पर इन दस्तावेजों की जरूरत रहती है व्
 जन्म व मृत्यु पंजीकरण कैसे कराये ?   आप जन्म और मृत्यु पंजीकरण के को जन्म या मृत्यु हो जाने के 21  दिन में सबंधित नगर परिषद् में बिना किसी फीस के रजिस्टर कराया जा सकता है निर्धारित समय के बाद आपको इन जन्म व् मृत्यु की घटना के बारे में दर्ज करवाने के लिए फाइल तैया करानी पड़ती है व् लम्बी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जिसमें पैसा व् वक्त दोनों लगते है |


भारतीय जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 ( Registration of Births & Deaths Act, 1969 ) ( Birth And Death Registration Act In India ) के तहत प्रत्येक व्यक्ति के जन्म एवं  मृत्यु का पंजीकरण 21 दिन के अन्दर करवाना अनिवार्य है. जन्‍म-मृत्‍यु पंजीकरण अधिनि‍यम 1969 के नियम 9(3) के अनुसार जन्‍म या मृत्‍यु  चाहे कितना भी पुराना हो  हो, उसका Registration कराया जा सकता है.|

अगर आप फतेहाबाद में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए फाइल बनवाना चाहते है तो आप फास्ट CSC  सेंटर भाटिया कालोनी फतेहाबाद से सम्पर्क कर सकते है |
फोन नंबर 9416107685

 Birth And Death Registration Haryana

 जन्म प्रमाण पत्र की फाइल

 मृत्यु प्रमाण पत्र की फाइल 
खड़े पेअर पर इन दस्तावेजों को किसी भी तरह से तैयार नहीं कराया जा सकता |

Death Certificate Complete File and Forms

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